The Importance of Friendship:दोस्ती का महत्व:

 दोस्ती का महत्व (The Importance of Friendship)

एक समय की बात है, एक गांव में दो बच्चे रहते थे। एक का नाम राम था और दूसरे का नाम श्याम था। दोनों बच्चे बहुत अच्छे दोस्त थे। वे अक्सर साथ में खेलते और अपनी परेशानियों को एक दूसरे के साथ शेयर करते थे।

एक दिन, राम की माँ उन्हें एक आम के वृक्ष के नीचे बैठने को कहीं। राम ने अपने दोस्त श्याम को भी बुलाया। दोनों दोस्त वृक्ष के नीचे बैठकर बातें करते रहे। अचानक, राम ने श्याम से कहा, “मुझे अब घर जाना होगा। मैं बाद में फिर आऊँगा।” और फिर उसने वहाँ से जल्दी से निकल लिया।

श्याम अकेला वहाँ बैठा रह गया। वह बहुत उदास था क्योंकि उसे लगा कि उसका दोस्त उससे दूर चला गया है। वह वृक्ष के नीचे अकेला बैठा हुआ रोने लगा।

बहुत देर बाद, राम वहाँ लौटा और उसने देखा कि श्याम रो रहा है। वह उसके पास गया और पूछा, “तुम क्यों रो रहे हो?”

श्याम ने उत्तर दिया, “तुमने मुझे अकेले छोड़ दिया था। मैं बहुत उदास हो गया था।”

राम ने मुस्कुराते हुए कहा, “माफ़ करो दोस्त, मैंने तुम्हें अकेले नहीं छोड़ा था। मैं बस थोड़ी देर के लिए जाना चाहता था। मुझे नहीं पता था कि तुम उदास हो जाओगे। मैं आपसे वादा करता हूं कि मैं अगली बार ऐसा नहीं करूंगा।”

श्याम ने राम को गले लगा लिया और बोला, “दोस्ती में यह सब छोटी-छोटी बातें होती रहती हैं। मैं आपको माफ़ करता हूं।”

दोनों दोस्त फिर से वृक्ष के नीचे बैठ गए और खेलने लगे। वे अपनी दोस्ती को और भी मजबूत कर लिया था।

इस कहानी का संदेश यह है कि दोस्ती बहुत महत्वपूर्ण होती है और एक छोटी सी गलतफहमी से यह नहीं होना चाहिए कि एक दोस्त दूसरे से दूर हो जाए।

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