सबसे प्यारी चीज
बादशाह ने एक दिन सभासदों और विद्वानों से प्रश्न किया सबसे प्यारी चीज क्या है ?
बादशाह अकबर ऐसे प्रश्न प्रायः करते रहते थे। उनके दरबार में बहुत से ऐसे विद्वान थे जो इस प्रकार के दर्शनिक, समाजिक और कौतुहल भरे प्रश्नों के उत्तर देते रहते थे।
उनमें बीरबल सबसे चतुर थे और जिन प्रश्नों के उत्तर कोई और न दे पाता था, उसका उत्तर बीरबल अवश्य दे देते थे।
इस बार भी बादशाह ने सबसे पहले अन्य लोगों से पूछा।
किसी ने कहा, सबसे प्यारी चीज खुदा है।
दूसरा बोला, हुजूर! सबसे प्यारे आप हैं।
दौलत से किसको प्यार नहीं है, इससे हर चीज खरीदी जा सकती है। किसी ने कहा।
मोहब्बत ही सबसे बड़ी और प्यारी चीज है. एक बोला।
अंत में अकबर बादशाह ने बीरबल से पूछा, अब तुम बताओ बीरबल ?
सबसे प्यारी चीज अपनी जान होती है। बीरबल ने बताया।
सिद्ध कर सकते हो ?
जी हाँ, मैं सिद्ध कर सकता हूँ।
और सचमुच एक दिन बीरबल ने यह सिद्ध कर दिखाया। उन्होंने किले में एक टैंक का पानी निकलवाकर उसे खाली करा दिया।
उस खाली टैंक में उन्होंने एक बंदरिया को छुड़वा दिया।
जिसके पेट में बच्चा चिपका हुआ था।
फिर धीरे-धीरे उस टैंक में पानी छुड़वाना शुरू कर दिया। बंदरिया सूखे में खड़ी हो गयी, जोकि सबसे ऊँची जगह थी।
जब उस ऊँची जगह में भी पानी आ गया और बंदरिया के पेट पर चिपका बच्चा भीगने लगा तो बंदरिया ने उस बच्चे को पीठ पर लाद लिया।
पानी भरता जा रहा था। बंदरिया बच्चे को लिए खड़ी रही। पानी तेजी से भर रहा था। जब पानी बंदरिया की पीठ तक आने लगाto उसने बच्चे को सिर से ऊँचा उठा लिया।
पानी बढ़ता जा रहा था। यहां तक कि बंदरिया डूबने लगी। उसके सर तक पानी पहुंच गया। उसके पैर भी उखड़ने लगे।
उसने अपने-आपको बचाने के लिए उस बच्चे को निचे फेंक दिया और स्वयं बच्चे के ऊपर खड़ी हो गई, जिसे कुछ देर पहले बचा रही थी।
बादशाह अकबर की निगाहें फटी-की-फटी रह गई। वह मान गए कि जान सबसे प्यारी होती है। अपनी जान बचाने के लिए कोई भी प्राणी किसी की भी परवाह नहीं करता।
बीरबल ने मुस्कराकर कहा, देखा आपने जहाँपनाह ! देखा बीरबल, तुम्हारी बात सही है।
जहाँपनाह, संसार में हजारों में एक ऐसा होता है जो प्राणों की बजी लगाकर किसी की प्राण-रक्षा कर सकता है। अधिकतर तो ऐसे होते हैं जिन्हें अपनी ही जान की परवाह रहती है। ऐसे भी प्राणी हैं जो भूखा से पीड़ित होने पर अपनी संतान को ही खा जाते हैं।
हम मान गए बीरबल, सचमुच सबसे प्यारी चीज अपनी जान होती है।