बीरबल की खोज – Akbar Birbal Kahani

बीरबल की खोज

अकबर बीरबल कहानी – Akbar Birbal Kahani

बीरबल गायब थे।

उनके और बादशाह के बीच झगड़ा हो गया था

और बीरबल को वापस न आने के लिए कहा गया था।

लेकिन अब अकबर को उनकी कमी महसूस हो रही थी और बीरबल को वापिस लाना चाहते थे लेकिन किसी को नहीं पता था कि वह कहां हैं ?

तभी बादशाह को एक युक्ति सूझी।

उन्होंने एक घोषणा करवा दी कि जो व्यक्ति धूप में बिना छतरी के भी छाया में चलता हुआ महल तक आयेगा उसे एक हजार सोने की मोहरें इनाम में दी जाएगी।

असंभव,” लोग बोले।

तभी एक ग्रामीण अपने सिर पर चारपाई रखकर आया और इनाम ले लिया।

“मैं धूप में चलकर आया हूं, लेकिन उसी समय मैं चारपाई की रस्सी की छांव में भी था।”

वह बोला।

यह बहुत ही बढ़िया हल है। उस ग्रामीण से पूछने पर उसने बता दिया कि यह तरीका उसके साथ रह रहे एक व्यक्ति ने बताया था।

“वह बीरबल ही हो सकता है।” बादशाह खुश होकर बोले।

बादशाह वहां गये और बीरबल को मना कर ले आये।

शिक्षा : एक कुशल व्यक्ति अपनी पहचान नहीं छुपा सकता। बहुत से लोगों के कौशल केवल कर्म और अवसर के कारण छुप जाते हैं। आप अधिकारी होने के नाते उस अच्छे कौशल को ढूंढकर उसका सही उपयोग कर सकते हैं।

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