महेश दास का भाग्य- Akbar Birbal Kahani
महेश दास का भाग्य जब महेश दास बड़े हुए तो उन्होंने बचाकर रखी थी, उसके साथ राजकीय अंगूठी ली तथा अपनी माँ से विदा लेकर बादशाह की राजधानी फतेहपुर सीकरी की तरफ चल दिए। राजधानी में पहुंचकर महेश दास आश्चर्यचकित रह गये।