कुम्हार का वात्सल्य रूप- Short Moral Story In Hindi
कुम्हार का वात्सल्य रूप आज लकड़ी काटने के लिए मदन घूमता रहा, किंतु उसे कोई सूखा पेड़ नहीं मिला। वह प्रकृति से इतना जुड़ा हुआ था कि वह हरे-भरे वृक्षों को अपने कुल्हाड़ी के चोट से नहीं काटता। पेड़-पौधों को वह बेटे