उजाले की ओर- Short Moral Story In Hindi

उजाले की ओर दिवाली की सुबह अनीता अपने जमा किए हुए पैसों को छिपा कर गिन रही थी । उस के पास चौदह सौ रूपये जमा हो चुके थे । अपने पास इतने रूपये देखकर उस की आँखे चमक उठी । उस