सबसे उजली चीज
Sabse Ujali Chij
एक बार बादशाह अकबर ने प्रश्न किया, ‘सबसे उजली चीज कौन-सी है ?’
एक ने बताया, ‘सबसे उजली चीज है रूई।’ दूसरे ने उत्तर दिया, ‘सबसे उजला दूध होता है।’ तीसरा बोला, ‘खड़िया और चूना।
‘ एक दरबारी ने बताया, ‘चमेली का फूल।’
बादशाह ने बड़े ध्यान से सबकी बातें सुनीं।
अपने हिसाब से बादशाह ने रूई और दूध को अधिक सफेद और उजला पाया।
बीरबल शांत बैठे थे। वे किसी के बीच में नहीं बोले। जब कोई उनसे पूछता था, वे तभी बोलते थे।
बादशाह ने बीरबल से भी यही प्रश्न किया, ‘तुम अपनी राय प्रकट करो, बीरबल!’
‘मेरे विचार से सबसे उजली चीज है-दिन।’ ‘कभी भी।’ बीरबल ने कहा।
‘सिद्ध करो!’
एक रोज बीरबल ने उस कमरे में दूध का बर्तन रखवा दिया, जहाँ बादशाह का पलंग था। वहाँ रूई भी रखवा दी, चूना भी डलवा दिया।
लेकर गए। बीरबल ने उनकी परेशानी सुनी और उन्हें आश्वासन दिया। उन्होंने बादशाह से मिलकर रूई का आयात खुलवा दिया।
रूई-चोरों को पकड़ने का दायित्व अपने ऊपर ले लिया।
बीरबल जानते थे कि रूई-चोर वे व्यापारी हैं, जो कि जुलाहों को रूई सप्लाई करते हैं।
उन्हीं बिचौलियों के कारण कमी पड़ती है। वे ही रूई अधिक दामों में बेचते हैं।
बीरबल ने उन व्यापारियों को इकट्ठा किया और कहना शुरू किया, ‘आप लोग ही रूई के व्यापारी हैं।
आप ही के माध्यम से रूई देश में आती है।
रूई की मात्रा खूब बढ़ाकर देख ली गई है, फिर भी कमी पड़ी और जितनी रूई मँगवाई गई, वह कातने वालों तक नहीं पहुँची।
कातने वाले जुलाहों तक उतना सूत न भेज सके।
अभाव पैदा करने वाले आप ही लोग हैं। आप लोगों में ही कोई चोर है और मैं जानता हूँ कि कौन है।
ऐसे व्यक्ति की पगड़ी स्वयं ही बता देगी कि रूई-चोर कौन उन लोगों के बीच मारवाड़ी सेठ रूई की जमाखोरी, मुनाफाखोरी और ब्लैक करता था, उसका हाथ तुरंत पगड़ी पर चला गया कि कहीं उसकी पगड़ी पर रूई तो नहीं लगी है, जिसे बीरबल ने देख लिया हो।
बस फिर क्या था, चोर पकड़ा गया। उसी के गोदाम से रूई की गाँठे बरामद की गईं।
इसके बाद रूई की चोरी राज्य में नहीं हुई।
बीरबल की सूझ-बूझ से रूई-चोर पकड़ा गया। राज्य में फिर से कपड़े का उत्पादन होने लगा।