व्यसनी का व्यसन
अकबर बीरबल कहानी – Akbar Birbal Kahani
बादशाह अकबर की एक आदत थी,
वह हर रात को अपना हुलिया
बदल कर बीरबल के साथ शहर में घूमा करते थे और लोगों की दशा अपनी आंखों से देखते थे।
एक रात जब बादशाह बीरबल को साथ लिये शहर में घूम रहे थे तो एक ऐसी गली के नाके पर पहुंचे जहां एक भिखारिन खड़ी हुई थी।
उसका ऐसा खराब रूप था कि कोई उसके हाथ के छुए बेर भी न खाये।
वह गर्भिनी थी।
उसको देखकर बादशाह ने हैरानी से कहा “बीरबल देखो, कामदेव की कैसी प्रबल शक्ति है ?”
जिस औरत के पास होकर निकलने से भी घिन्न आती है, उसके साथ किसने रमन किया होगा ?
बीरबल बोले – “आदमी को जो व्यसन पड़ जाता है, वह छूटता नहीं है।
जिस तरह भूख झूठे भात और निद्रा टूटी खाट को नहीं देखती, ऐसे ही कामांध आदमी जाति-कुजाति, रूप-कुरूप किसी का कुछ विचार नहीं करता।”
बहुत-से ऐसे व्यसनी देखने में आये हैं जो देखने में बड़े सज्जन दिखायी देते हैं, लेकिन वे गुप्त रीति से गंदी जगह सिर मारते हैं।
यह सुनकर बादशाह ने कहा “शायद ऐसा ही होगा, लेकिन क्या तुम इसके प्रेमी का पता लगा सकते हो ?”
बीरबल ने कहा “शायद थोड़ी देर इधर-उधर घूमने पर पता लग जाये।”
यह कहकर बीरबल बादशाह को लेकर कुछ दूर खड़े हुए, लेकिन उनकी नजर उस भिखारिन पर ही लगी रही।
थोड़ी ही देर में एक आदमी वहां आया। वह आदमी ऊंचे कुल का लग रहा था।
बीरबल ने बादशाह से कहा “हुजूर! लगता है कि इस भिखारिन का यार यही आदमी है।”
बादशाह ने पूछा कैसे ? “थोड़ी देर तक उसकी ओर अनजान की तरह देखने से मालूम हो जायेगा।”
बादशाह उसकी ओर देखने लगे।
थोड़ी देर में वह आदमी उस औरत के पास आया और कुछ इशारे करके जल्दी-जल्दी वहां से चला गया।
उसके जाते ही वह औरत भी चली गयी।
यह सब देखकर उन्होंने मान लिया कि इस औरत के साथ रमन करने वाला यही आदमी है।
इतना हो जाने के बाद ये दोनों आगे बढ़े। थोड़ी देर में बादशाह ने पूछा ‘क्यों बीरबल ?
जिस विलासी आदमी को तुमने दिखलाया, उस पर तुमको पहले कैसे शक हुआ ?”
बीरबल बोले – “हुजूर, यह देखने की खूबी है।
जिस वक्त हम लोग वहां खड़े थे, मैंने उस आदमी को दूर से आते हुए देखा।
उसके पास खाने का तम्बाकू था, लेकिन चूना नहीं था।
इसलिए वह चूने के लिए इधर-उधर देखता जाता था।
इतने में ही उसे संडास से लगा हुआ ताजा चूना दिखायी दिया।
वहां से उसने उंगली से खुरच कर चूना तम्बाकू में मिला लिया।
जो आदमी तम्बाकू के लिए ऐसी गंदी जगह से चूना लेने में हिचकिचाए नहीं, उसको किस बात से घृणा हो सकती है और यही आदमी उस औरत को भोगने वाला है।”
बादशाह अकबर बीरबल की इस दूरदर्शिता पर बेहद खुश हुए।
शिक्षा : गंदे शौक और गंदी आदतें बहुत मुश्किल से छूटती हैं, इसलिए इन दोनों को कभी भूलकर भी नहीं अपनाना चाहिए।