ईश्वर क्या करता है?
अकबर बीरबल कहानी – Akbar Birbal Kahani
एक बार अकबर ने बीरबल से पूछा, “ईश्वर क्या करता है ?”
बीरबल बोले, “जहांपनाह, एक आम चरवाहा भी इसका उत्तर दे सकता है।”
बादशाह ने बीरबल को एक चरवाहे को दरबार में लाने के लिए कहा।
उस चरवाहे से भी वही प्रश्न किया गया,
तो वह चरवाहा बोला, “क्या जहांपनाह यह एक अध्यापक की भांति पूछ रहे हैं या विद्यार्थी की तरह ?”
जहांपनाह बोले, “एक विद्यार्थी की तरह।”
चरवाहा बोला, “देखो इस विद्यार्थी की बदतमीजी। वह तो ऊंचे स्थान पर बैठा है और शिक्षक नीचे खड़ा है।”
अकबर सकपका गये।
सिंहासन से उतरे और उस चरवाहे को अपना ताज पहनाकर सिंहासन पर बैठा दिया।
उन्होंने स्वयं उस चरवाहे के कपड़े पहने, हाथ जोड़कर खड़े हो गये और फिर पूछा, “शिक्षक, ईश्वर क्या करता है ?”
चरवाहा बोला, “ईश्वर एक चरवाहे को बादशाह और बादशाह को चरवाहा बना देता है।”
शिक्षा : जीवन में कुछ भी निश्चित नहीं होता। जो भी होता है ईश्वर की इच्छा से होता है या फिर हमारे व्यवहार, समझ और मूर्खता, दोनों का परिणाम भी हो सकता है।