विश्वसनीयता
उस चरवाहे लड़के की कहानी हम सभी जानते हैं जो भेड़िया आया, भेड़िया आया चिल्लाता था।
उस लड़के ने गाँव को परेशान करके मजा लेने की सोची और वह चिल्लाया, बचाओ, बचाओ भेड़िया आया।
गाँव वालों ने उसकी आवाज सुनी और उसे बचाने दौड़े। जब वे वहाँ पहुँचे तो उन्होंने देखा कि वहाँ कोई भेड़िया नहीं था और वह बच्चा उन पर हँसने लगा। वे सब चले गए।
अगले दिन उस लड़के ने फिर वही चाल खेली। गाँव वाले फिर मदद के लिए दौड़े।
एक दिन वह लड़का जब भेड़ों को चरा रहा था तो उसने सचमुच एक भेड़िया देखा और मदद के लिए चिल्लाया। गाँव वालों ने उस लड़के की आवाज सुनी मगर उसकी मदद के लिए कोई नहीं आया।
उन्होंने सोचा कि लड़का फिर वही चाल खेल रहा है।
उन लोगों ने उस पर यकीन नहीं किया। नतीजा के तौर पर उसकी भेड़े खाई गई और उसका नुकसान हो गया।
इस कहानी से शिक्षा मिलती है कि –
- जब लोग झूठ बोलते हैं तो अपनी विश्वसनीयता खो देते हैं।
- एक बार जब वे अपनी विश्वसनीयता खो देते हैं तो सच बोलने पर कोई उनका विश्वास नहीं करता।