लालची पत्नी
एक समुद्र के पास एक मछुआरा और उसकी पत्नी दोनों साथ में रहते थे। मछुआरा अपनी पत्नी को बहुत चाहता था। मछुआरा बेचारा गरीब था। वह रोजाना इतना कमा लेता था कि आराम से दो वक्त की रोटी मिल जाए.
लेकिन मछुआरे की पत्नी बहुत लालची थी। वह इस छोटी झोपड़ी और कम कमाई से बहुत नाखुश थी।
इसलिए वह हमेशा मछुआरे को डाटा करती थी कि वह बहुत कम कमाता हैं।
एक दिन वह मछुआरा समुद्र की तरफ गया और उसने जाल को फैलाया और मछली का इन्तजार करने लगा। बहुत देर तक इंतज़ार करने के बाद भी उसको कुछ नहीं मिला। मछुआरा निराश होकर वापस घर लौट आया।
खाली हाथ देखकर उसकी पत्नी ने चिल्लाना शुरू कर दिया। बहुत डांटने पर वह मछुआरा वापस समुद्र के किनारे जाल फैलाकर बैठ गया और मछली का इंतज़ार करने लगा।
थोड़ी देर बाद एक मछली उसके जाल में फंस गई. वह उसको ऊपर खींचता हैं। उसने देखा कि यह कोई सामान्य मछली नहीं है।
मछली को तड़पता देख उस पर दया आ गई और उसको वापस पानी में छोड़ दिया। मछली ने उसको धन्यवाद दिया।
ठीक हैं, मुझे फिर से खाली हाथ लौटना पड़ेगा। मछुआरे की उदासी को देखकर मछली उससे पूछती हैं तुम उदास क्यों हो?
मछुआरा बोलता हैं मेरी बीबी एक बहुत बड़ा घर चाहती हैं, लेकिन मेरे पास कमाने का कोई साधन नहीं हैं। इसलिए मेरी बीबी मुझ पर हमेशा गुस्सा करती रहती हैं।
मछली बोलती है-तुम घर जाओ. समझ लो तुम्हारी पत्नी की इच्छा पूरी हो गई.
मछुआरा हैरान होकर बोला क्या? मछली ने कहा कि तुमने ठीक सुना हैं, तुम्हारी पत्नी की इच्छा पूरी हो गयी हैं।
मछुआरा दौड़कर घर की तरफ गया। उसने देखा कि उसकी झोपडी एक पक्का मकान बन चूका था। ये देखकर मछुआरा हैरान था।
वह समझ गया था कि वह मछली कोई मामूली मछली नहीं है। यह बात उसने अपनी बीबी को बताई.
मछुआरे ने अपनी पत्नी से कहा-अब तो तुम खुश हो ना।
मछुआरे की पत्नी लालची थी उसका मन नहीं भरा और बोली मुझे इससे भी बड़ा घर चाहिए.
उसने मछुआरे से कहा कि वह वापस मछली के पास जाये और इससे भी बड़े घर कि मांग करे। मछुआरे ने मना कर दिया और बीबी फिर से नाराज हो गयी।
मजबूरन मछुआरे को वापस मछली के पास जाना पड़ा।
समुद्र किनारे जाकर उसने मछली को बुलाया और कहा कि मेरी बीबी को इससे भी बड़ा घर चाहिए.
जादुई मछली ने यह इच्छा भी पूरी कर दी।
मछुआरा धन्यवाद देकर घर चला गया। उसने देखा कि उसका घर बहुत बड़ा बंगला बन चुका था। अब मछुआरे ने अपनी बीबी से पुछा कि क्या अब वह खुश हैं।
लेकिन उसके लालच का कोई ठिकान नहीं था। वह बोली कि उसको एक महल चाहिए.
मछुआरा एक बार फिर उस जादुई मछली के पास जाता हैं और एक बड़े महल की मांग करता हैं। वह मछली बिना कोई प्रश्न किये उसकी यह इच्छा भी पूरी कर देती हैं।
मछुआरे ने जाकर देखा कि उसका घर एक महल बन चूका हैं और उसकी पत्नी एक सोफे पर बैठकर आराम कर रही थी और उसके चारो और नौकर घूम रहे थे।
मछुआरे को लगा कि अब तो मेरी पत्नी खुश हो ही जाएगी। लेकिन उसने ग़लत सोचा। कुछ दिनों बाद उसने कहा कि मुझे पूरा साम्राज्य चाहिए जहाँ प्रजा हो मंत्री शंत्री हो और सभी मेरा हुक्म माने।
मछुआरे ने इस इच्छा को पूरी करने से मना कर दिया। फिर क्या था, एक बार फिर उसकी पत्नी नाराज हो गयी।
शर्म महसुस करते हुए, बेचारा एक बार फिर वह जादुई मछली के पास गया। मछुआरे ने कहा कि अब उसकी पत्नी को साम्राज्य चाहिए. मछली ने यह इच्छा भी पूरी कर दी।
मछुआरा भागता हुआ घर गया। अब वह महल एक साम्राज्य बन चूका था। उसकी पत्नी एक बड़े सिहांसन पर बैठी थी। वहाँ पर सभी मंत्री भी बैठे थे।
अब मछुआरे ने पूछा कि क्या तुम अब खुश हो। उसकी पत्नी ने कहा कि अब मैं बहुत खुश हूँ हमारे पास सब कुछ हैं। लेकिन मैं इन सबको कैसे सम्भाल पाऊँगी। मैं तो एक अनपढ़ हूँ।
बस एक आखिरी बार मेरे लिए कोई ऐसी शक्ति मांग लो, जिससे मैं सब कुछ नियंत्रण कर सकूँ।
बेचारा मछुआरा वापस मछली के पास गया और एक एसी शक्ति की मांग की, जिससे वह सब कुछ नियंत्रण कर सके.
मछली ने उसकी यह इच्छा भी पूरी कर दी।
मछुआरा वापस अपने महल आया और अपनी पत्नी को ढूँढने लगा, लेकिन कही पर भी उसकी पत्नी दिखाई नहीं दी।
दरअसल अब वह एक शक्ति बन चुकी थी, इसलिए वह गायब हो गयी।
दोनों बहुत दुखी हुए. उसकी पत्नी को वापस अपने असली रूप में आना था। उसने मछुआरे से कहा कि जल्दी से वह उसको वापस ठीक कर दे।
मछुआरा एक बार फिर जादुई मछली के पास गया और कहा कि वह उसकी पत्नी को वापस ठीक कर दे।
मछली ने मना कर दिया, ये तुम्हारी इच्छा हैं, मैं केवल तुम्हारी पत्नी की इच्छा पूरी कर सकती हूँ। तुम्हारी नहीं?
मछुआरा वहीँ बैठ गया और कहने लगा मैंने तुम्हारी जान बचाई, जब तक तुम सब कुछ पहले जैसा नहीं कर देती मैं यहाँ से नहीं जाऊंगा।
मछली ने कहा-ठीक हैं। इसके बाद तुम दोनों कि कोई इच्छा पूरी नहीं होगी। जाओ मैं सब कुछ पहले जैसा कर देती हूँ।
मछुआरा वहाँ से घर चला आया, उसने देखा कि उसकी पत्नी झोपड़ी के बाहर बर्तन धो रही थी।
उन दोनों को अपने गलती का अहसास हो गया और मेहनत करके जीवन यापन लगे।
कहानी की सीख – जो लालच करता हैं उसके पास जो कुछ भी होता हैं वह भी चला जाता हैं।