दो दोस्त | Moral Stories in Hindi New
Moral stories in hindi new: एक बार की बात है एक जंगल में एक शेर रहता था। वह उस जंगल का राजा था। शेर की दोस्ती एक चीते के साथ थी। एक दिन शेर ने चीते से कहा की मै इस जंगल का राजा हूँ और सब मुझसे डरते है।
इस पर चीते ने कहा वो सब तो ठीक है लेकिन जैसे ही आप के सामने हाथी आते है। आपके होश उड़ जाते है। क्योंकि वे बहुत बड़े है और वो आपसे डरते भी नहीं है।
यह बात शेर को अच्छी नहीं लगी शेर ने चीते से कहा तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई। मुझसे ऐसी बात करने की। चीते ने कहा मै तो आपका दोस्त हूँ। शेर ने कहा की मै तुमसे दोस्ती तोड़ता हूँ।
अब तुम भी मुझे जंगल के और जानवरों की तरह सम्मान दोगे। इसके बाद चीता वहाँ से चला गया। कुछ दिनों के बाद लोमड़ी जो की शेर का मंत्री था सभी चोरियों के जुर्म के लिए बन्दर को पकड़ कर लाया।
शेर ने बन्दर को 1 महीने की सजा के बाद पहाड़ से गिरा कर मारने के सजा सुनाई। इसके बाद बन्दर को जेल में बंद कर दिया गया। जब बन्दर के दोस्त हिरण को इस बात का पता चला तो वह बन्दर से मिलने के लिए जेल में चला गया।
बन्दर ने हिरण से बोला की मै मरने से पहले एक बार अपने घर वालों से मिलना चाहता हूँ। इसके बाद हिरण शेर के पास गया और बोला की बन्दर को एक बार अपने घर वालों से मिलने के लिए छोड़ दो। शेर ने बोला की यदि वह भाग गया तो।
हिरण ने बोला की जब तक बन्दर वापस नहीं आ जाता जब तक आप मुझे जेल में रख सकते है। शेर ने बोला की यदि बन्दर वापिस नहीं आया तो तुमको पहाड़ से गिराया जायेगा। हिरण ने शेर की बात को कबूल कर लिया और बन्दर की जगह जेल में बंद हो गया।
बन्दर को अपने घर वालों से मिलने के लिए छोड़ दिया गया। कुछ दिन हो गए लेकिन बन्दर नहीं लौटा। इसके बाद वह दिन भी आ गया जब बन्दर को पहाड़ से गिराना था। शेर और उसका मंत्री लोमड़ी हिरण को लेकर पहाड़ पर गए।
उनने बोला की अब तुमको बन्दर की जगह पर गिराया जायेगा। हिरण ने बहादुरी से बोला की ठीक है मै पहाड़ से गिरने के लिए तैयार हूँ। तभी बन्दर भी वहाँ पहुंच गया और बोला की मित्र तुमको पहाड़ से गिरने की जरुरत नहीं है अब मै आ गया हूँ।
अभी तक मेरे लिए जेल में बंद रहने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद। शेर उन दोनों की मित्रता देख कर बहुत खुश हुआ और उन दोनों को मुक्त कर दिया। शेर ने बन्दर को चेतावनी दी की अगर वह आगे से चोरी करेगा तो उसको छोड़ा नहीं जायेगा।
शेर ने सोचा की यह कितने अच्छे मित्र है जो एक दूसरे के लिए जान देने को भी तैयार थे और मैंने छोटी सी बात के लिए अपने दोस्त चीता से दोस्ती तोड़ दी।
शेर इसके बाद चीता से मिलने गया और अपने व्यवहार की माफ़ी मांगी। इसके बाद शेर और चीता दोबारा दोस्त बन गए।
Moral of the story:
सीख : इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है की हमें छोटी छोटी बातों को लेकर सच्ची मित्रता को नहीं तोडना चाहिए।