यात्री और सादा पेड़ की कहानी
तेज़ गर्मियों की दोपहर को दो यात्री चले जा रहे थे, तभी उन्हें एक बहुत बड़ा और घना पेड़ दिखाई दिया।
वो दोनों उस पेड़ की छांव में धुप से बचने के लिए बैठ गए।
आराम करते हुए उनमें से एक यात्री बोला ये पेड़ बहुत ही बेकार है। इसमें कोई भी फल नहीं लगा हुआ है, बहुत ही बेकार पेड़ है ये।
तभी पेड़ से एक आवाज़ आयी,”इतना एहसान फरामोश ना बनो। इस क्षण में तुम्हारे लिए बहुत ही फायदेमंद हूँ। तम्हे कड़कती धूप से बचा रहा हूँ और तुम मुझे बेकार कहे जा रहे हो?”
नैतिक शिक्षा: प्रकृति की बनाई हुई हर चीज़ का कोई ना कोई महत्त्व है इस लिए किसी भी चीज़ को बेकार ना समझें।
Moral: All of Nature’s creations have a good purpose. We should never belittle Nature’s creations.