मुहँ से निकले शब्द
मुहँ से निकले शब्द वापस नहीं लिए जा सकते ।
एक किसान ने अपने पड़ोसी की निंदा की ।
अपनी गलती का अहसास होने पर वह पादरी के पास क्षमा मांगने गया ।
पादरी ने उसको कहा कि वह पंखो से भरा एक थैला शहर के बीचोंबीच बिखेर दे ।
किसान ने वही किया, फिर पादरी ने कहा की जाओ और अब सभी पंख थैले में भर लाओ ।
किसान ने ऐसा करने की बहुत कोशिश की, मगर सारे पंख हवा से इधर-उधर उड़ गए थे ।
जब वह खाली थैला लेकर लौटा, तो पादरी ने कहा कि यही बात हमारे जीवन पर लागू होती है ।
तुमने बात तो आसानी से कह दी, लेकिन उसे वापस नहीं ले सकते, इसलिए शब्दों के चुनाव ज्यादा सावधानी बरतनी चाहिए ।