Title: दो दोस्तों की कहानी (The Story of Two Friends)
एक गांव में दो दोस्त रहते थे, रामु और श्यामु। रामु और श्यामु दोनों बचपन से ही दोस्त थे और हमेशा एक साथ खेलते रहते थे। रामु और श्यामु के घर दोनों के परिवार गरीब थे, इसलिए वे दोनों अपने घर की मदद करने के लिए बचपन से ही काम करते रहते थे।
एक दिन श्यामु को अपने घर का काम थोड़ा ज़्यादा हो गया था। श्यामु रामु से कहा, “मुझे घर का काम ज़्यादा हो गया है। मैं आज नहीं खेल सकता।” रामु ने उसे समझाया कि काम करना ज़रूरी होता है और खेलना बाद में किया जा सकता है।
रामु अपने दोस्त को खेलने के लिए नहीं छोड़ना चाहता था इसलिए उसने श्यामु के साथ घर के काम में मदद की। श्यामु और रामु ने साथ मिलकर बचपन से बनी हुई जोड़ी बनाकर घर के काम करना शुरू किया।
कुछ देर बाद श्यामु का काम ख़त्म हो गया था, लेकिन रामु ने और काम करना जारी रखा।
श्यामु रामु से कहता है, “अब मेरा काम ख़त्म हो गया है, मैं घर जा रहा हूँ। तुम भी चलो न, बाद में खेलेंगे।” लेकिन रामु ने कहा, “मैं अभी यहाँ रहूँगा और काम करूँगा। तुम जाओ, मैं बाद में खेलूँगा।”
श्यामु रामु की बात सुनकर बहुत खुश हुआ क्योंकि रामु अपने दोस्त की मदद करने के लिए काम कर रहा था। श्यामु ने रामु को धन्यवाद दिया और उसके साथ अलविदा कहकर घर चला गया।
देर रात तक रामु ने काम करते रहे, और उसने अपने दोस्त की मदद की वजह से उसके परिवार की मदद करने में सफल हुआ। श्यामु ने जो भी काम किया था, उससे उसके परिवार का कुछ नहीं होता था।
दो दिन बाद श्यामु के घर पर एक बड़ा हादसा हुआ। उसके परिवार के सभी लोग बहुत बीमार हो गए थे। श्यामु और उसका परिवार बहुत परेशान थे क्योंकि उनके पास इतना पैसा नहीं था कि उनकी दवाइयां ली जा सकें।
फिर श्यामु ने रामु की मदद मांगने के लिए उससे मिलने गया, जब रामु ने उनकी परेशानी के बारे में सुना, तो उसने तुरंत उनकी मदद करने के लिए उनके साथ चलने का फैसला किया। उसने श्यामु के परिवार के सभी लोगों की दवाइयां ख़रीदी और उनकी सेवा करने लगा।
एक हफ्ते बाद, श्यामु के परिवार के सभी लोग ठीक हो गए थे। श्यामु ने रामु को धन्यवाद दिया और उसे अपने घर ले गया। वहाँ, उन्होंने रामु को अपने साथ खेलने का आमंत्रण दिया।
अब रामु ने देखा कि जब उसने अपने दोस्त की मदद की थी, तो उसने सिर्फ उसकी मदद की ही नहीं, बल्कि उसकी इस दुनिया में अपनी एक छोटी सी जगह बनाई थी। वह दोस्ती और मदद की ताकत को समझ गया था।
इस घटना से रामु ने सीखा कि जब हम अपने दोस्तों की मदद करते हैं, तो हम इस दुनिया में एक अच्छे इंसान की तरह जीवन जीते हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए, रामु ने फिर से श्यामु की मदद करने का फैसला किया और उसकी सेवा करना जारी रखा।