जीवन एक गूँज है
एक छोटा बच्चा अपने माँ से नराज होकर चिल्लाने लगा, “मैं तुमसे नफरत करता हूँ । ”
उसके बाद वह फटकारे जाने के डर से घर से भाग गया ।
वह पहाड़ियों के पास जाकर चीखने लगा, “मैं तुमसे नफरत करता हूँ , मैं तुमसे नफरत करता हूँ । ” और वही आवाज गूँजी, “मैं तुमसे नफरत करता हूँ , मैं तुमसे नफरत करता हूँ । ” उसने जिंदगी में पहली बार गूँज सुनी थी ।
वह डर कर बचाव के लिए माँ के पास भागा और बोला, घाटी में एक बुरा बच्चा है जो चिल्लाता है, “मैं तुमसे नफरत करता हूँ , मैं तुमसे नफरत करता हूँ । ”
उसकी माँ सारी बात समझ गई और उसने अपने बेटे से कहा कि वह पहाड़ी पर जा कर फिर से चिल्ला कर कहे, ” मैं तुम्हें प्यार करता हूँ , मैं तुम्हें प्यार करता हूँ । ”
छोटा बच्चा वहाँ गया और चिल्लाया, ” मैं तुम्हें प्यार करता हूँ , मैं तुम्हें प्यार करता हूँ । ” और वही आवाज गूँजी ।
और इस तरह इस घटना से उस बच्चे को एक सीख मिली – हमारा जीवन एक गूँज की तरह है । हमे वही वापस मिलता है, जो हम देते हैं ।