Title: गाय और लोमड़ी की कहानी (The Story of the Cow and the Fox)
एक जंगल में एक गाय रहती थी। वह जंगल के सभी जानवरों से बहुत सम्मान की गई थी क्योंकि उसका दूध बच्चों के लिए बहुत महत्वपूर्ण था। एक दिन, उसने एक लोमड़ी को देखा जो बहुत ही दुखी दिख रही थी। गाय ने उससे पूछा, “तुम इतनी उदास क्यों हो लोमड़ी?” लोमड़ी ने कहा, “मैं भूखी हूं, मुझे खाने को कुछ नहीं मिल रहा है।”
गाय ने सोचा कि उसे लोमड़ी की मदद करनी चाहिए। वह लोमड़ी को अपने शरीर के साथ-साथ अपने दूध की एक छोटी टोकरी भी दे दी। लोमड़ी बहुत खुश थी और उसने उस जंगल में एक जगह ढूंढ़ ली जहां उसे आराम से खाने को मिल जाएगा।
थोड़ी दूर चलते हुए, लोमड़ी को खाने की अचानक से ही आवश्यकता पड़ी और उसने उस टोकरी को खोला और देखा कि उसमें गाय का दूध था। लोमड़ी का मन इस बात पर आ गया कि वह दूध पी सकती है और वह गाय को कुछ नहीं बताएगी।
लोमड़ी ने वहां खड़े होकर गाय का दूध पीना शुरू कर दिया। लेकिन उसने इस बात का ध्यान नहीं दिया कि गाय का दूध उसके लिए नहीं था बल्कि उसके बच्चों के लिए था। गाय ने खुशी से लोमड़ी को दूध दिया था क्योंकि वह उसे अपना दोस्त मानती थी, लेकिन लोमड़ी ने उसका दुष्परिणाम उठाया और उसने समझा कि दोस्ती में विश्वास नहीं करना चाहिए।
एक दिन, लोमड़ी और उसकी लड़की लोमड़ी जंगल में घूम रही थीं। उन्हें खाने को कुछ नहीं मिल रहा था। लोमड़ी ने फिर से वही गाय की टोकरी ढूंढ़ ली और देखा कि वहां फिर से गाय का दूध था। लोमड़ी ने अपनी बेटी को दूध पिलाया और उसने भी इस बात का ध्यान नहीं दिया कि यह दूध गाय के बच्चों के लिए है।
इस तरह, लोमड़ी और उसकी लड़की लोमड़ी गाय का दूध पीती रहीं। इससे गाय के बच्चों को खाने के लिए कुछ नहीं मिला और उन्हें भूखा रहना पड़ा। इससे गाय का बुरा हाल हो गया था। उसने अपने बच्चों को नहीं खिलाया था और वे बिल्कुल कमजोर हो गए थे। गाय का बुरा हाल देखकर, लोमड़ी ने खुद पर विचार करने लगी। उसने अपनी गलती समझी और वह दोबारा ऐसा नहीं करना चाहती थी।
लोमड़ी ने गाय के बच्चों को दूध देना शुरू कर दिया। गाय खुश हो गई और अपने बच्चों को समझाते हुए बोली, “देखो, दोस्ती में विश्वास रखो। लोमड़ी ने अपनी गलती समझी है और हमें भी अपनी गलती समझनी चाहिए।”
यह कहानी हमें बताती है कि हमें दोस्ती में विश्वास रखना चाहिए और अपनी गलती को समझना भी बहुत जरूरी है। इस कहानी का नाम है “लोमड़ी और गाय का दूध”।