एक कोयल का बदला
एक गरीब कोयल जिसके पास न तो रहने के लिए अच्छा घर था, न ही नवजात बच्चों को कुछ खिलाने के लिए दाने. कोयल के बच्चे अंडे से फुटकर बाहर आ चुके थे. अब उनको खिलाने के लिए अधिक मात्रा में दाना पानी की आवश्यकता थी.
कोयल ने कुछ नया काम धंधा करने की सोची. लेकिन कोयल जहाँ भी जाती, उसको उतने पैसे नहीं मिलते, जिनसे वह अपने बच्चों के लिए कुछ खरीद सके.
कोयल निराश होकर एक नीम की टहनी पर जाकर बैठ गयी. कोयल को उदास देखकर गौरया उसके पास आई और कहने लगी – क्या बात हैं, हमेशा सुर में गाने वाली कोकिला बहन आज इतनी शांत क्यों हैं. क्या तुम मुझे अपनी निराशा का कारण बता सकती हो?
कोयल ने सारी बात उसको बताई. चिड़िया ने विचार कर कहा – एक जगह हैं जहाँ तुमको ढेरों पैसे मिल सकते हैं. पर वहां पर खतरा भी हो सकता हैं. अगर तुम चाहो तो मैं तुमको वो जगह बता सकती हूँ ?
कोयल ने कहा – जो भी होगा, मैं करने को तैयार हूँ, मुझे काम चाहिए.
चिड़िया ने कहा – तो ठीक हैं, सुनो. बिजली घर के बाजु वाले आम की बगिया में कौओं का नया पब खुला हैं. सुना हैं वे नाचने और गाने के लिए एक गायिका की तलाश कर रहे हैं. तुम एक बार वहां जाकर बात कर लो.
कोयल वहां गयी और पब के मैनेजर से बात कर नौकरी पक्की कर ली.
अब कोयल रोजाना शाम को वहां पब में जाती और कौओं के लिए गाना गाती.
दरअसल कोएँ बहुत दुष्ट प्रवत्ति के थे. जब कोयल उनके लिए गाना गाती तब वे उनको छेड़ते थे. उन दुष्ट कौओं में उस पब का मालिक काजिया भी शामिल था.
एक दिन नशे में धुत काजिया कोयल के पीछे पीछे उसके घर तक पहुँच गया. कोयल के बच्चों को देखकर उसकी नियत बिगड़ गयी. अगले दिन जब कोयल पब में गयी तो उसने बच्चों को मार दिया.
कोयल ने घर आकर देखा तो उसके बच्चे वहां नहीं थे, वहां पर पड़े हुए खून को देखकर कोयल बहुत रोई.
अगले दिन कोयल यह कहने के लिए पब गयी कि आज से वह गाने के लिए नहीं आएगी. इतने में नशे में पगलाया हुआ काजिया बोला मैंने ही तेरे बच्चे को मारा हैं.
तुझे जितने पैसे चाहिए, ले लेना पर तू इसी पब में गाती रहो और यहीं पर पड़ी रहो.
सच्चाई सुनकर कोयल ने उसके खिलाफ शिकायत दर्ज कराने का फैसला किया. और वहां से उड़कर भाग गयी. काजिया भी उसके पीछे पीछे भाग गया.
नशे में धुत काजिया एक बरगद के पेड़ से टकरा कर गिर गया और बुरी तरह घायल हो गया.
काजिया के दोस्त उसको हॉस्पिटल लेकर गए. बरगद से भयानक टक्कर होने के कारण काजिया कोमा में जा चूका था. उसके इलाज में उसका पब और सारी प्रोपर्टी बिक चुकी थी.
कौए की देखभाल करने वाला कोई नहीं था. तब उस कोयल ने कोएँ की देखभाल करने का फैसला किया.
कोयल रोजाना उस कोएँ को अनजान लोगो से बचाती, उसको खाना खिलाती, और पानी की व्यवस्था करती.
अब धीरे धीरे कौआ ठीक होने लगा और कुछ सप्ताहों के बाद काजिया बिलकुल ठीक हो गया.
काजिया कोयल की मेहनत से बहुत प्रसन्न हुआ और उसने उससे सादी करने का प्लान बनाया.
एक दिन काजिया ने कोयल को बबूल के पेड़ पर मिलने के लिए बुलाया.
काजिया के कहने पर कोयल वहां पर पहुँच गयी. काजिया ने सादी का प्रस्ताव रख दिया. तब कोयल ने कहा – मैंने तुम्हारी सेवा इसलिए नहीं की कि तुम ठीक हो जाओ और मुझसे सादी कर लो. मैंने तुमसे बदला लेने के लिए तुम्हारी देखभाल की.
अगर मैं तुमको उस स्थति में मार देती तो तुममे और मुझमे क्या फर्क रह जाता.
अब तुम पूरी तरह से ठीक हो चुके हो, अब मैं तुमसे सही मायने में बदला ले सकती हूँ.
कोयल ने बबूल से एक काटा निकाला और कोएँ को भगा भगा कर मार डाला.
कहानी की सीख – किसी की मजबूरी का फयदा कभी नहीं उठाना चाहिए.