पेड़ के नीचे सोना
अकबर बीरबल कहानी – Akbar Birbal Kahani
शाही माली एक कंजूस व्यक्ति था।
उसने अपनी बहुत-सी कमाई बचाकर रखी थी, लेकिन उस धन को रखने की जगह किसी को नहीं बता रखी थी।
एक दिन उसने देखा कि उसका सारा सोना गायब है, तो वह बीरबल के पास मदद के लिए भागा।
बीरबल : “तुमने सोना कहां छिपाया था ?”
माली : “बाग में आम के पेड़ के नीचे छिपाया था। मैं अपना पूरा दिन वहीं बिताता हूं तो मैंने सोचा कि उससे उचित स्थान दूसरा नहीं है।”
बीरबल : “क्या किसी ने तुम्हें उसे दबाते हुए देखा है ?”
माली : नहीं, मैं बहुत सावधान था।
बीरबल ने कुछ सोचा और अगले दिन शहर के सभी वैद्यों को दरबार में बुलाया।
उसने सबसे पूछा, “क्या आम के पेड़ को दवा के रूप में इस्तेमाल किया जाता है ?”
एक ने जवाब दिया : “फल तो प्रयोग होता है, लेकिन पत्तों और फूलों का कोई उपयोग नहीं होता है।”
लेकिन एक वैद्य बोला : “जड़ का भी उपयोग होता है। अभी दो दिन पहले मैंने एक पीलिया के मरीज़ को ठीक किया है।”
बीरबल : “तुम्हारा मरीज़ कौन था ?” वैद्य : “एक व्यापारी, हसन।”
बीरबल हसन से मिलने गया और पूछा, “तुम्हारे इलाज के लिए पेड़ की जड़ कौन लाया ?”
हसन : “मेरा नौकर” बीरबल : “उसे बुलाओ।’ ”
जब नौकर आया, बीरबल ने उसे कहा अगर तुमने सोना नहीं लौटाया तो तुम्हें फांसी दी जाएगी। नौकर ने तुरन्त कबूल किया और थैला लौटा दिया।
शिक्षा : लापरवाही से धन की हानि करना आसान होता है जबकि उसे कमाना और खोये धन को पाना मुश्किल।