मुर्गी और सोने का अंडा (Golden Egg Hen) – Moral Story in Hindi
एक बार की बात है.. एक किसान रहता था, जिसके पास कई मुर्गियां और कलहंस के साथ एक खेत था… मुर्गी और हंस कई अंडे देते थे… वह अंडे बेचता था और ईमानदारी से जीवन यापन करता था.. किसान एक हंस भी था, लेकिन हंस अंडे नहीं देगा.. यह बहुत खाएगा और मोटा हो जाएगा.. किसान को नहीं पता था कि क्या करना है.. किसान अंडे लेने के लिए हंस के घोंसले का दौरा किया.. किसान ने कुछ आश्चर्यजनक पाया..हंस ने एक पीला अंडा दिया था.. एक पीला अंडा?
नहीं, यह एक सुनहरा अंडा है.. वाह.. मैं सोने का अंडा बेचूंगा और इतना पैसा कमाऊंगा.. हंस ने खुशी-खुशी सोने के अंडे रोज दिए और किसान की खुशी का कोई ठिकाना नहीं था। इन सुनहरे अंडों को बेचकर किसान धीरे-धीरे अमीर होता गया.. हाहाहा.. मैं एक भाग्यशाली आदमी हूं जो हर रोज सोने के अंडे देने वाली हंस है!
अब मेरे पास सब कुछ है.. हाहाहा जल्द ही किसान ने अपने लिए एक आलीशान हवेली खरीदी थी.. उसने हवेली को टीवी, अलमारी, फर्नीचर और ऐसी ही अन्य सुविधाओं से सुसज्जित किया … जैसे-जैसे समय बीतता गया, किसान अमीर होता गया और अमीर, उसका लालच बिना किसी सीमा के बढ़ता गया। अब वह सबसे अमीर आदमी बनने का सपना देखता है.. हम्म … यहां सबसे अमीर आदमी बनना कितना अच्छा होगा …
लेकिन उसके लिए, एक दिन में सोने का अंडा मुझे सबसे अमीर बनने में मदद नहीं करेगा .. मुझे चाहिए हंस के सारे सुनहरे अंडे एक साथ हथियाने के लिए। किसान यह सोचकर बहुत लालची हो गया था कि वह सारे सोने के अण्डों को अपने पास रख कर कितनी जल्दी कमा लेगा। वह सही या गलत में फर्क नहीं कर पाता था।
किसान ने हंस को नुकसान पहुंचाने का फैसला किया। आखिर वो गहरी नींद में सो गया था, अमीर आदमी बनने का सपना देख रहा था… अगले दिन जैसे ही वह उठा, किसान हंस के घोंसले में भाग गया.. आज मेरे सारे सपने सच होंगे! किसान ने बिना समय बर्बाद किए सोने के अंडे देने वाली हंस को नुकसान पहुंचाया। धत्तेरे की!
अब हंस के पेट में कुछ भी नहीं है। अपने लालच के कारण, मैंने अपने प्रिय और वफादार हंस को मूर्खता से नुकसान पहुँचाया है जिसने मुझे सारी समृद्धि और आराम दिया है। किसान बहुत दुखी था क्योंकि उसके लालच ने उसे सोने के अंडे देने वाली उसकी प्यारी हंस की कीमत चुकानी पड़ी थी।
कहानी का नैतिक: अत्यधिक लालच हमेशा बड़ा नुकसान करता है।